AGRA दीपाली से ‘अमीना’ और खुशी से ‘जोया’ तक
आगरा में धर्मांतरण रैकेट का खुलासा, पाकिस्तान कनेक्शन की जांच तेज – आरोपी के भाई ने बताया साजिश

मेरी 33 साल की बेटी दीपाली 2021 में पीएचडी की तैयारी कर रही थी। तभी उसकी मुलाकात उधमपुर की रहने वाली साइमा से हुई, जो खुद को कभी ‘खुशबू’ भी बताती थी। उसके बाद से दीपाली बदलने लगी। उसने मुझसे कहना शुरू किया – पापा, पूजा-पाठ छोड़ दो।
यह कहना है आगरा निवासी रमेश का, जिनकी एफआईआर ने एक बड़े अंतरराष्ट्रीय धर्मांतरण सिंडिकेट की परतें उधेड़ दीं।
रमेश बताते हैं कि दीपाली का व्यवहार दिन-ब-दिन अजीब होता जा रहा था। उसने अपने परिवार से दूरी बनानी शुरू कर दी और छोटी बहन खुशी के साथ कमरे में घंटों रहने लगी। वह उसे भी एक अलग धर्म की बातें समझाने लगी। कुछ ही हफ्तों में छोटी बहन खुशी भी दीपाली की सोच से प्रभावित हो गई।
फिर 24 मार्च को दोनों बहनें अचानक घर से गायब हो गईं।
रमेश की शिकायत पर शुरू हुई जांच ने चौंकाने वाले खुलासे किए। पुलिस ने 6 राज्यों से सिंडिकेट से जुड़े 11 लोगों को गिरफ्तार किया, जिन पर अमेरिका, लंदन, कनाडा, कतर और यूएई जैसे देशों की एजेंसियों से फंडिंग पाने का आरोप है।
बंगाल से दीपाली और खुशी को रेस्क्यू कर जब परिवार के हवाले किया गया, तो सामने आया कि दीपाली अब ‘अमीना’ और खुशी ‘जोया’ बन चुकी हैं।
पुलिस जांच में पता चला कि यह सिंडिकेट सुनियोजित तरीके से हिंदू युवतियों को मानसिक रूप से प्रभावित करता है, उन्हें ‘लव जिहाद’ और कट्टरपंथ की ओर धकेलता है। पुलिस का दावा है कि ये गतिविधियां आतंकी संगठन ISIS के पैटर्न पर चलाई जा रही थीं।
गैंग का सरगना अब्दुल रहमान और उसकी सहयोगी आयशा खुद भी धर्मांतरण कर चुके हैं और अब तक सैकड़ों लोगों को बदल चुके हैं। जांच में यह भी संकेत मिले हैं कि इस नेटवर्क के तार पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों से जुड़े हो सकते हैं।

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