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MUMBAI लोन फ्रॉड केस में अनिल अंबानी को ED का समन

ByNews Editor

Aug 1, 2025 #MUMBAI
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MUMBAI लोन फ्रॉड केस में अनिल अंबानी को ED का समन

MUMBAI 5 अगस्त को पूछताछ, 50 कंपनियों पर पहले ही पड़ चुकी हैं रेड्स

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प्रवर्तन निदेशालय ( ED) ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन और MD अनिल अंबानी को ₹3000 करोड़ के लोन फ्रॉड मामले में समन जारी किया है। ED उनसे 5 अगस्त को पूछताछ करेगी।

ED ने पिछले हफ्ते अनिल के मुंबई और दिल्ली समेत 50 से ज्यादा कंपनियों और लोकेशन पर छापेमारी की थी। 25 से ज्यादा लोगों से भी पूछताछ की गई थी।

ये छापेमारी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 17 के तहत की गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये समन इसी मामले में पूछताछ के लिए भेजा गया है।

मामला 2017 से 2019 के बीच यस बैंक द्वारा अनिल अंबानी से जुड़े रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को दिए गए करीब 3,000 करोड़ रुपए के लोन से जुड़ा है।

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ED की शुरुआती जांच में पता चला है कि इन लोन्स को कथित तौर पर फर्जी कंपनियों और ग्रुप की अन्य इकाइयों में डायवर्ट किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि यस बैंक के बड़े अधिकारियों को शायद रिश्वत दी गई है।

ED का कहना है कि ये एक “सोचा-समझा और सुनियोजित” प्लान था, जिसके तहत बैंकों, शेयरहोल्डर्स, निवेशकों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को गलत जानकारी देकर पैसे हड़पे गए। जांच में कई गड़बड़ियां पकड़ी गईं, जैसे:

कमजोर या बिना वेरिफिकेशन वाली कंपनियों को लोन।
कई कंपनियों में एक ही डायरेक्टर और एड्रेस का इस्तेमाल।
लोन से जुड़े जरूरी दस्तावेजों का न होना।
फर्जी कंपनियों में पैसे ट्रांसफर करना।
पुराने लोन चुकाने के लिए नए लोन देने की प्रक्रिया (लोन एवरग्रीनिंग)।

CBI ने दो मामलों में FIR दर्ज की थी। ये मामले यस बैंक द्वारा रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड को दिए गए दो अलग-अलग लोन से जुड़े हैं। दोनों ही मामलों में CBI ने यस बैंक के पूर्व CEO राणा कपूर का नाम लिया था।

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इसके बाद एक अधिकारी ने बताया कि नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसी अन्य एजेंसियों और संस्थानों ने भी ED के साथ जानकारी साझा की। अब ED इस मामले की जांच कर रही है।

छापेमारी की खबर के बाद अनिल अंबानी की दो प्रमुख कंपनियों, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के शेयरों में 5% तक की गिरावट आई थी। आज समन की खबर के बाद इसमें 3% की गिरावट है।

इस मामले पर रिलायंस पावर ने कहा था कि इन कार्रवाइयों का कंपनी के कारोबार, वित्तीय प्रदर्शन, शेयरधारकों, कर्मचारियों या किसी अन्य हितधारक पर कोई असर नहीं पड़ा है।

कंपनी ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स में रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (RCOM) या रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) से जुड़े 10 साल पुराने लेनदेन के आरोपों की बात हो रही है।

रिलायंस पावर एक अलग और स्वतंत्र लिस्टेड कंपनी है, जिसका RCOM या RHFL से कोई व्यवसायिक या वित्तीय संबंध नहीं है।

कुछ दिन पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस और खुद अनिल अंबानी को “फ्रॉड” घोषित किया था।

SBI का कहना है कि RCom ने बैंक से लिए गए 31,580 करोड़ रुपए के लोन का गलत इस्तेमाल किया। इसमें से करीब 13,667 करोड़ रुपए दूसरी कंपनियों के लोन चुकाने में खर्च किए। 12,692 करोड़ रुपए रिलायंस ग्रुप की दूसरी कंपनियों को ट्रांसफर किए।

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SBI ने ये भी कहा कि हम इस मामले में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) के पास शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया में है। इसके अलावा अनिल अंबानी के खिलाफ पर्सनल इन्सॉल्वेंसी (दिवालियापन) की कार्रवाई भी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) मुंबई में चल रही है।

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार (31 जुलाई) को ED ने 68.2 करोड़ रुपए के फेक बैंक गारंटी केस में अनिल से जुड़े फर्मों पर छापा मारा।

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