NEW DELHI लाल किले से PM का बड़ा ऐलान: दिवाली पर मिलेगा GST में राहत का तोहफ़ा
NEW DELHI 3.5 करोड़ नौकरियों के लिए आज से नई योजना शुरू, रोजगार और राहत दोनों पर फोकस

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से 2 घोषणाएं की हैं। उन्होंने ‘प्रधानमंत्री ने विकसित भारत रोजगार योजना’ लॉन्च की। साथ ही दिवाली तक टैक्स कम करने वाली GST रिफॉर्म्स स्कीम लाने की बात कही।
PM मोदी ने कहा- ‘आज मैं आपके लिए खुशखबरी लेकर आया हूं। 15 अगस्त के दिन मेरे देश के युवाओं के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना शुरू कर रहे हैं। इससे साढ़े 3 करोड़ नौजवानों को रोजगार मिलेगा।’
मोदी ने संबोधन में कहा- इस साल दिवाली में बड़ा तोहफा मिलने वाला है। GST को आए 8 साल हो चुके हैं। हमने उसका रीव्यू किया। उसका रिफॉर्म कर टैक्सेशन को सरल किया है। हम नेक्स्ट जेनरेशन GST रिफॉर्म्स लेकर आ रहे हैं। सामान्य लोगों के लिए टैक्स कम कर देंगे, रोजमर्रा की चीजें सस्ती हो जाएगी, लोगों को बहुत फायदा होगा।
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12% GST वाले आइटम 5% वाले स्लैब में आ सकते हैं
एक महीने पहले खबर आई थी कि टूथपेस्ट, बर्तन, कपड़े, जूते जैसे आम आदमी के इस्तेमाल में आने वाले आइटम्स की कीमतों में कमी आ सकती है, क्योंकि सरकार मिडिल-क्लास और लोअर-इनकम फैमिली को गुड्स एंड सर्विस टैक्स यानी GST में कटौती कर राहत देने की तैयारी कर रही है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार 12% GST स्लैब को पूरी तरह से खत्म करने या वर्तमान में 12% टैक्स वाले आइटम्स को 5% स्लैब में ला सकती है। इस रीस्ट्रक्चरिंग यानी बदलाव में मिडिल-क्लास और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के इस्तेमाल में आने वाले आइटम्स शामिल होंगे। अभी GST में 5%, 12%, 18% और 28% के चार स्लैब हैं।
5 साल में दोगुना हुआ टैक्स कलेक्शन
महीने देश में GST लागू हुए 8 साल पूरे हो गए हैं। 1 जुलाई 2017 को देश में GST लागू किया गया था। इस दौरान टैक्स कलेक्शन के आंकड़ों ने नया रिकॉर्ड बनाया है। वित्त वर्ष 2024-25 में ग्रॉस GST कलेक्शन 22.08 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया, जो 5 साल पहले 2020-21 में सिर्फ 11.37 लाख करोड़ था।
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यानी, 5 साल में टैक्स वसूली लगभग दोगुनी हो गई है। 2024-25 में हर महीने औसत GST कलेक्शन 1.84 लाख करोड़ रुपए रहा। ये 5 साल पहले 2020-21 में 95 हजार करोड़ रुपए था।
GST लागू होने के वक्त 2017 में रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स की संख्या 65 लाख थी, जो अब बढ़कर 1.51 करोड़ से ज्यादा हो गई है। इससे सरकार का टैक्स बेस भी मजबूत हुआ है।
सरकार का कहना है कि GST लागू होने के बाद टैक्स कलेक्शन और टैक्स बेस दोनों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। इससे देश की फिस्कल पोजिशन मजबूत हुई है और टैक्स सिस्टम ज्यादा पारदर्शी और आसान बना है।
सरकार ने 1 जुलाई 2017 को देशभर में GST लागू किया था। इसके बाद केंद्र और राज्य सरकारों के 17 करों और 13 उपकरों को हटा दिया गया था। GST के 8 साल पूरे होने पर वित्त मंत्रालय ने इस दौरान हासिल की गई उपलब्धियों को लेकर पोस्ट किया था।
GST एक इनडायरेक्ट टैक्स है। इसे कई तरह के इनडायरेक्ट टैक्स जैसे VAT, सर्विस टैक्स, परचेज टैक्स, एक्साइज ड्यूटी को रिप्लेस करने के लिए 2017 में लागू किया गया था।
GST को चार हिस्सों में डिवाइड किया गया है:
CGST (केंद्रीय जीएसटी): केंद्र सरकार द्वारा एकत्र किया जाता है।
SGST (राज्य जीएसटी): राज्य सरकारों द्वारा एकत्र किया जाता है।
IGST (एकीकृत जीएसटी): अंतरराज्यीय लेनदेन और आयात पर लागू, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच विभाजित।
उपकर: स्पेसिफिक पर्पज के लिए फंड जुटाने के लिए स्पेसिफिक गुड्स (जैसे, लग्जरी आइटम्स, तंबाकू) पर लगाया जाने वाला अतिरिक्त शुल्क।
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जीएसटी कलेक्शन इकोनॉमिक हेल्थ का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। हायर कलेक्शन मजबूत उपभोक्ता खर्च, औद्योगिक गतिविधि और प्रभावी कर अनुपालन का संकेत देते हैं।
अप्रैल महीने में बिजनेसेज अक्सर मार्च से वर्ष के अंत के लेन-देन को क्लियर करते हैं, जिससे टैक्स फाइलिंग्स और कलेक्शन्स में इजाफा होता है। KPMG के नेशनल हेड अभिषेक जैन ने कहा कि अब तक का हाईएस्ट GST कलेक्शन मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था को दर्शाता है।


