AKLERA झालावाड़ में दिल दहला देने वाला दृश्य
झालावाड़ में सात बच्चों का अंतिम संस्कार, नागौर में स्कूल की छत गिरी।

राजस्थान के झालावाड़ में सरकारी स्कूल की बिल्डिंग के नीचे दबकर जान गंवाने वाले सातों बच्चों के परिवार वालों को 10 लाख रुपए और संविदा पर नौकरी मिलेगी। साथ ही, नए स्कूल भवनों में बनने वाले क्लास रूम (कक्षा कक्ष) का नाम मृतक बच्चों के नाम पर रखा जाएगा।
नागौर के एक स्कूल की छत आज गिर गई। गनीमत रही कि कोई बच्चा इसकी चपेट में नहीं आया।
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25 जुलाई को मनोहरथाना ब्लॉक के पिपलोदी सरकारी स्कूल की बिल्डिंग का हिस्सा गिर गया था। इसमें 21 बच्चे घायल हुए थे, जिनमें से 9 की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।
शनिवार सुबह 6 बच्चों का शव पिपलोदी और एक बच्चे का शव चांदपुर भीलन पहुंचा दिया गया। भाई-बहन (कान्हा और मीना) का शव एक ही अर्थी पर ले जाया गया। सभी बच्चों का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।
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झालावाड़ के SRG हॉस्पिटल में भर्ती बच्चों से शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने मुलाकात की थी।
शिक्षा विभाग ने स्कूल की हेड मास्टर समेत 5 टीचर को सस्पेंड कर दिया था। घटना की जिम्मेदारी के सवाल पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- जिम्मेदार तो मैं ही हूं।
हादसे के बाद मनोहरथाना के बुराड़ी चौराहे पर धरने पर बैठे ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव भी किया था। इस दौरान पुलिस की गाड़ियों में तोड़फोड़ की गई।
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पहले नरेश मीणा झालावाड़ हॉस्पिटल के बाहर धरने पर बैठे थे। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पहुंचने से पहले पुलिस ने नरेश मीणा और उनके समर्थकों पर लाठीचार्ज कर हिरासत में लिया था।
