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GUJRAT बोले- हमारा सबसे बड़ा दुश्मन दूसरे देशों पर निर्भरता

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GUJRAT प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भावनगर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है दूसरे देशों पर निर्भरता। यह केवल अर्थव्यवस्था को ही कमजोर नहीं करता, बल्कि आत्मसम्मान को भी चोट पहुंचाता है।

उन्होंने जोर दिया कि अगर हम अपनी ज़रूरतों के लिए बाहरी ताकतों पर निर्भर रहेंगे, तो हमारी नीतियां, हमारी योजनाएं और हमारे फैसले भी कहीं न कहीं उन्हीं के प्रभाव में आ जाएंगे।

मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का सपना केवल आर्थिक स्वावलंबन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक, तकनीकी और रणनीतिक मजबूती का भी आधार है। “100 दुखों की एक दवा आत्मनिर्भर भारत है”—इसका अर्थ यह है कि जब देश आत्मनिर्भर होगा, तो रोजगार से लेकर उद्योग, कृषि से लेकर रक्षा और तकनीक तक, हर क्षेत्र में मजबूती आएगी।

उन्होंने भावनगर की जनता से आह्वान किया कि वे स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें, छोटे उद्योगों और स्टार्टअप्स का समर्थन करें और “वोकल फॉर लोकल” अभियान को और आगे बढ़ाएं। मोदी ने कहा कि भारत के पास क्षमता और संसाधनों की कोई कमी नहीं है, बस हमें आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा।

प्रधानमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब दुनिया से कट जाना नहीं है, बल्कि दुनिया के साथ बराबरी से खड़े होकर आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि भारत को ऐसा बनाना है जो न केवल अपने नागरिकों की ज़रूरतें पूरी करे, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का भी मज़बूत हिस्सा बने।

अंत में, मोदी ने दोहराया कि आत्मनिर्भर भारत न केवल आज की ज़रूरत है बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत और सुरक्षित भविष्य की गारंटी भी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भावनगर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा सबसे बड़ा दुश्मन है दूसरे देशों पर अत्यधिक निर्भरता। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब कोई राष्ट्र अपनी जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर होता है, तो यह न केवल उसकी अर्थव्यवस्था को कमजोर करता है, बल्कि आत्मसम्मान को भी गहरी चोट पहुंचाता है।

मोदी ने कहा कि आज दुनिया में वही देश आगे बढ़ रहे हैं, जिन्होंने आत्मनिर्भरता को अपनी शक्ति बनाया है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया दवाइयों और वैक्सीन के लिए संघर्ष कर रही थी, तब भारत ने अपनी क्षमता दिखाते हुए न सिर्फ अपने नागरिकों को सुरक्षित किया बल्कि कई देशों की भी मदद की। यह आत्मनिर्भर भारत की जीवंत मिसाल थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत केवल एक नारा नहीं है, बल्कि यह देश की समृद्धि, सुरक्षा और विकास का मार्ग है। उन्होंने कहा कि “100 दुखों की एक दवा आत्मनिर्भर भारत है,” क्योंकि जब हम खुद पर निर्भर होंगे, तब हमारे किसान, हमारे उद्योग और हमारे नौजवानों की ताकत बढ़ेगी।

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उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे स्टार्टअप्स, नवाचार और नई तकनीकों में आगे बढ़ें। उन्होंने कहा कि भारत के पास संसाधनों और प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, जरूरत है तो केवल आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता के भाव की।

मोदी ने यह भी बताया कि सरकार ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्टार्टअप इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी योजनाओं के जरिए आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने में लगी है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत न केवल अपनी जरूरतें पूरी करेगा, बल्कि दुनिया के लिए भी उत्पादन केंद्र बनेगा।

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अंत में उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत ही एक ऐसा संकल्प है, जो हमें हर संकट से बाहर निकाल सकता है और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मजबूत राष्ट्र की नींव रख सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भावनगर में अपने संबोधन के दौरान कहा कि भारत का सबसे बड़ा दुश्मन है दूसरे देशों पर निर्भर रहना। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब कोई देश अपनी आवश्यकताओं के लिए बाहरी शक्तियों पर निर्भर होता है तो यह उसकी आत्मनिर्भरता को कमजोर करता है और उसके आत्मसम्मान को भी चोट पहुँचाता है।

मोदी ने कहा कि आजादी के बाद लंबे समय तक भारत ने इस मानसिकता के साथ विकास की राह पकड़ी कि विदेशों से सामान और तकनीक लाकर काम चलाया जा सकता है। लेकिन यह सोच भारत को मजबूती देने के बजाय उसे कमजोर करती चली गई। उन्होंने कहा कि अब भारत ने ठान लिया है कि हमें अपने देश में ही उत्पादन बढ़ाना है, अपनी तकनीक विकसित करनी है और अपनी क्षमता पर भरोसा करना है। यही आत्मनिर्भर भारत की असली शक्ति है।

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प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आत्मनिर्भर भारत केवल एक आर्थिक नारा नहीं है, बल्कि यह 140 करोड़ देशवासियों की आत्मशक्ति और आत्मगौरव का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि “100 दुखों की एक दवा आत्मनिर्भर भारत” है। जब भारत हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा, तो चाहे संकट हो, महामारी हो या वैश्विक आर्थिक मंदी—देश मजबूती से खड़ा रह सकेगा।

भावनगर की जनता को संबोधित करते हुए मोदी ने यह भी बताया कि आत्मनिर्भर भारत अभियान ने किसानों, युवाओं, महिलाओं और उद्यमियों सभी को नई शक्ति दी है। छोटे-छोटे स्टार्टअप आज दुनिया में भारत का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज का भारत केवल उपभोक्ता नहीं, बल्कि निर्माता बन रहा है।

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अंत में प्रधानमंत्री ने लोगों से आह्वान किया कि हर नागरिक यह ठान ले कि जो भी वस्तु भारत में बन सकती है, उसे हम विदेशों से नहीं खरीदेंगे। उन्होंने कहा कि यह केवल सरकार का प्रयास नहीं, बल्कि हर भारतीय का संकल्प होना चाहिए। तभी भारत सचमुच वैश्विक स्तर पर आत्मनिर्भर बनकर उभरेगा

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