SAMBHAL कैलादेवी धाम के मुख्य पुजारी ऋषिराज गिरि द्वारा हरिहर मंदिर परिसर तक पैदल मार्च निकालने की घोषणा के बाद शहर में तनाव बढ़ गया है।
SAMBHAL में शाही जामा मस्जिद बनाम श्री हरिहर मंदिर विवाद एक बार फिर गरमा गया है। कैलादेवी धाम के मुख्य पुजारी ऋषिराज गिरि द्वारा हरिहर मंदिर परिसर तक पैदल मार्च निकालने की घोषणा के बाद शहर में तनाव बढ़ गया है।
इस बीच, इंतेज़ामिया कमेटी के अध्यक्ष ज़फ़र अली ने इस मार्च का विरोध करते हुए इसे गैरकानूनी बताया है। इसके बाद पुलिस और प्रशासन हाई अलर्ट पर है।सम्भल शहर में चर्चा का माहौल बन गया है क्योंकि हर कोई एक साल पहले हुई हिंसक घटनाओं को याद कर रहा है।
19 नवंबर को होगा निर्णय
डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि पदयात्रा की अनुमति पर निर्णय 19 नवंबर को लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले में BNS की धारा 163 लागू है और 24 नवंबर के मद्देनज़र सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। शहर में कई मजिस्ट्रेट तैनात किए गए हैं।

इंतजामिया कमेटी ने किया खुला विरोध
इंतजामिया कमेटी के सदर जफर अली एडवोकेट ने कहा कि शाही जामा मस्जिद की परिक्रमा जैसा कोई आयोजन न 1976-78 में हुआ था और न बाद में। उन्होंने आरोप लगाया कि महंत ऋषिराज गिरी एक “नई परंपरा” शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे शहर की शांति भंग हो सकती है। उन्होंने पुलिस-प्रशासन से पदयात्रा की अनुमति न देने की अपील की है। हालांकि इस संबंध में अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई है।19 नवंबर 2024 को हिंदू पक्ष की ओर से दावा किया गया कि शाही जामा मस्जिद मूलतः श्री हरिहर मंदिर है। उसी शाम मस्जिद का प्रथम चरण का सर्वे हुआ। 24 नवंबर को दूसरे चरण के सर्वे के दौरान हजारों लोग इकट्ठा हो गए और स्थिति बिगड़ते ही भीड़ ने पुलिस पर पथराव और फायरिंग शुरू कर दी। इस हिंसा में कई लोग घायल हुए थे और भीड़ ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया।
अब तक की कानूनी कार्रवाई में कुल 105 अभियुक्त जेल भेजे गए। जिनमें तीन हत्यारोपी, तीन महिलाएं, इंतजामिया कमेटी के सदर जफर अली शामिल हैं। 38 लोगों को जमानत मिल चुकी है। जफर अली को कोतवाली संभल में दर्ज मुकदमा 335/24 में गिरफ्तार किया गया था।
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क व सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल भी नामजद रहे। 23 मार्च को SIT ने जफर अली से 4 घंटे की पूछताछ की थी। 24 जुलाई को हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी और अगस्त 2025 को वे रिहा हुए।
SAMBHAL रिपोर्टर – सचिन कुमार

